ऑनलाइन गलतियाँ जो हम प्रतिदिन करते है
जब साइबर सिक्योरिटी की बात आती है, तो हैकर टारगेट की कमजोरियों का शोषण करते हैं। इस आर्टिकल में कुछ ऐसी गलतियों की चर्चा करेंगे जो हम प्रतिदिन इंटरनेट पर करते है। हमें उम्मीद है की आप निम्नलिखित बातों का ध्यान रखेंगे और काफ़ी हद तक साइबर क्राइम से बचने में सक्षम होंगे।
1. थर्ड-पार्टी एप्लीकेशन को डाउनलोड करना
कई लोग प्ले स्टोर या ऐप स्टोर की बजाय दूसरी वेबसाइट से ऐप डाउनलोड करते है। ऐसे करने का कारण आम तौर पर सशुल्क ऐप को मुफ़्त में डाउनलोड करना होता है। इस परिस्थिति में यह सम्भावना होती है की ऐप को वेबसाइट मालिक ने उनके कोड के साथ रीपैकेज किया हो और आम यूजर को लुभाने के लिए फ्री में डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध कराया गया है। इंस्टॉल करते वक़्त हम इसी बात का ध्यान नहीं रखते है और हमारी प्राइवेसी को खतरा रहता है।
2. पब्लिक वाई-फाई या असुरक्षित कनेक्शन पर ब्राउज़िंग करना
हमें जब, जहाँ, जैसे वाईफाई मिलता है, हम अपना डिवाइस कनेक्ट कर लेते है। लेकिन क्या हम इससे जुड़े सुरक्षा जोखिमों को समझते हैं? इसका उत्तर है, नहीं। संक्षेप में, पब्लिक वाईफाई (सार्वजनिक जगहों पर उपलब्ध, जैसे की रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट) का उपयोग करना एक तरह से हैकर को गोपनीय जानकारी की चोरी करने की अनुमति देने के बराबर है। सुनिश्चित करें कि कोई भी प्राइवेट या फिर जरुरी काम करने के पहले आपका कनेक्शन सुरक्षित है और आप पब्लिक वाईफाई से जुड़े हुए नहीं है।
3. सोशल मीडिया पर जरूरत से ज्यादा शेयर करना
आज की पीढ़ी विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने जीवन के लगभग हर घंटे की गतिविधि ऑनलाइन शेयर करने की इच्छुक है। ऐसी संभावना है कि यह जानकारी भविष्य में किसी हैकर या अपराधी द्वारा सोशल इंजीनियरिंग के लिए इस्तेमाल की जा सकती है और पीड़ित व्यक्ति को ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों से नुकसान हो सकता है।
4. सभी खातों के लिए एक ही पासवर्ड का उपयोग करना
सबसे बड़ी गलती जो हम करते हैं, वह है आपके सोशल मीडिया, बैंकिंग, ईमेल या किसी भी अन्य अकाउंट को एक ही पासवर्ड का उपयोग करके सुरक्षित करना। ऐसी स्थिति में आप एक साथ कई खातों की सुरक्षा से समझौता करते हैं।
5. अपडेट्स की अनदेखी
साइबर क्राइम का दायरा सिर्फ अकाउंट हैक हो जाना या खाते से पैसा निकल जाने तक सीमित नहीं है। जब आप अपने मोबाइल फ़ोन या कंप्यूटर पर आई सॉफ्टवेयर अपडेट को अनदेखा करते है, या फिर जो ऐप्स इंस्टॉल है उन्हें अपडेट नहीं करते है, तब भी आप साइबर क्राइम का शिकार हो सकते है। अगर आप नियमित रूप से अपडेट करना भूल जाते है, तो अपने ऐप स्टोर में ऑटो-अपडेट की सुविधा चालू कर सकते है।
6. किसी पर बहुत अधिक भरोसा करना
क्या आपको अपने सबसे अच्छे दोस्त या पार्टनर के साथ पासवर्ड शेयर करना सही लगता है? खैर, अगर यह हाँ है, तो फिर से सोचें। रिश्ते कभी स्थिर नहीं होते। समय परिस्थितियों की वज़ह से अगर वह आपके दोस्त नहीं रहें, तो आपके अकाउंट का दुरूपयोग आसानी से किया जा सकता है।
7. SSL सर्टिफिकेट की चेतावनियों को अनदेखा करना
आप संभावित रूप से किसी ऐसी वेबसाइट पर गए होंगे और आपने सुरक्षा को लेकर एक चेतावनी देखी होगी कि यह कनेक्शन सुरक्षित नहीं है। ऐसी चेतावनियों को गंभीरता से ले और अपनी सुरक्षा के साथ जोखिम न ले।
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