हिंदुस्तान यूनिलीवर ट्रेड यूनियन, पांडिचेरी बनाम कारखाना निरीक्षक, पांडिचेरी
हिंदुस्तान यूनिलीवर कर्मचारी संघ, पांडिचेरी बनाम कारखाना निरीक्षक, पांडिचेरी
(2010) 127 FLR 585 (Mad)
मद्रास उच्च न्यायालय
रिट याचिका 20876/2009 और विविध याचिका 1/2009
न्यायाधीश के. चंद्रू के समक्ष
निर्णय दिनांक: 08 जून 2010
मामले की प्रासंगिकता: कम्प्यूटरीकृत अटेंडेंस सिस्टम में “वैकल्पिक लॉक सिस्टम” को हटाना
सम्मिलित विधि और प्रावधान
- सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (धारा 4)
- औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 (धारा 9A, 12)
- सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005
- पुडुचेरी कारखाना नियम, 1964 (नियम 97-102, 104)
- कारखाना अधिनियम, 1948 (धारा 111A)
मामले के प्रासंगिक तथ्य
- याचिकाकर्ता, इस मामले में, दूसरे प्रतिवादी के कारखाने में काम कर रहा एक ट्रेड यूनियन है।
- पहले प्रतिवादी यानी फेक्ट्रियों के निरीक्षक को यूनियन द्वारा भेजी गई शिकायत पर विचार करने का निर्देश देने के लिए यह याचिका दायर की गई है। इसके साथ ही, कंप्यूटर द्वारा संचालित अटेंडेंस सिस्टम में ऑप्शनल लॉक सिस्टम को हटाने के लिए दूसरे प्रतिवादी के खिलाफ कार्यवाही की जाने की भी मांग की गई है। यह सिस्टम उनकी फैक्ट्री में लगा हुआ है। उन्हें यह भी निर्देश दिया जाए कि कारखाना अधिनियम, 1948 और उससे जुड़े नियम के तहत सभी रजिस्टर को संभाल कर रखा जाए।
- दूसरे प्रतिवादी द्वारा इस्तेमाल किए गए सॉफ़्टवेयर में, जब भी कर्मचारियों ने अपना नाम दर्ज किया, तो इसे इस तरह से प्रोग्राम किया गया था कि रजिस्ट्रेशन सीधे खारिज कर दिया जाएगा। उक्त सॉफ्टवेर का उपयोग करते हुए तथा श्रमिकों को प्रताड़ित करने की दृष्टि से रजिस्ट्रेशन को लॉक कर दिया गया था।
- इसलिए, याचिकाकर्ता संघ ने कहा कि ऐसी प्रक्रिया अवैध थी और उन्हें टाइम अटेंडेंस सिस्टम (टीएएस) कम्प्यूटरीकृत प्रणाली को बंद कर देना चाहिए और मूल कार्ड प्रणाली की शुरुआत की जाए।
- मुद्दा यह था कि दूसरे प्रतिवादी द्वारा इस्तेमाल किए गए सॉफ़्टवेयर की जांच की जानी चाहिए और वैकल्पिक लॉक सिस्टम जो उनकी सनक और शौक के लिए है, को हटा दिया जाए।
- याचिकाकर्ता संघ ने आर.टी.आई के प्रावधानों के तहत पहले प्रतिवादी से कुछ जानकारी भी मांगी।
न्यायपीठ की राय
- औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 की धारा 12(3) के तहत हस्ताक्षरित समझौते में, श्रमिकों ने टाइम अटेंडेंस सिस्टम की शुरूआत के लिए सहमति व्यक्त की है। इसलिए, इस तरह की शुरुआत औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 की धारा 9A को आमंत्रित नहीं करता है।
- इसके अलावा, सॉफ्ट कॉपी में रजिस्टरों के रख-रखाव की अनुमति भी संयुक्त मुख्य कारखाना निरीक्षक द्वारा दी गई थी और जिसकी एक कॉपी टाइप किए गए सेट में प्रस्तुत की गई है। इसलिए उक्त अनुमति को भी चुनौती नहीं दी जा सकती।
- याचिकाकर्ता संघ एक समझौते द्वारा हाजिरी लगाने वाले सिस्टम की शुरूआत के लिए सहमत हो गया है। इसलिए, याचिकाकर्ता को इस पर सवाल उठाने में बहुत देर हो चुकी है।
- अन्यथा भी, पुडुचेरी कारखाना नियम, 1964 के नियम 104 के तहत, कारखानों के मुख्य निरीक्षक ऐसी शर्तों के अधीन किसी भी कारखाने के संबंध में नियम 97 से 102 के तहत निहित प्रावधानों में से किसी के संबंध में छूट प्रदान कर सकते हैं।
- इसके अलावा आईटी एक्ट की धारा 4 इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की कानूनी मान्यता देती है।
अन्तिम निर्णय
- दूसरे प्रतिवादी का कृत्य अवैध नहीं है और कानून के अधिकार के बिना नहीं है।
- अन्यथा भी, कारखाना अधिनियम, 1948 की धारा 111A के तहत, कारखाने में काम करने वाला प्रत्येक कर्मचारी, मालिक से कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा से संबंधित जानकारी प्राप्त करने का हकदार है।
- इसलिए, याचिकाकर्ता संघ द्वारा मांगी गई सीमित प्रार्थना के साथ रिट याचिका पर विचार करना ज़रूरी नहीं है।
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