IBAHN इंडिया प्राइवेट लिमिटेड बनाम सीआईटी

यश जैनCase Summary

IBAHN इंडिया प्राइवेट लिमिटेड बनाम सीआईटी

IBAHN इंडिया प्राइवेट लिमिटेड बनाम सीआईटी
आयकर अपीलीय अधिकरण, मुंबई
ITA 4932/Mum/2015
श्री जोगिंदर सिंह, न्यायिक सदस्य के समक्ष
निर्णय दिनांक: 11 जनवरी 2016

मामले की प्रासंगिकता: क्या स्विच और राउटर “कंप्यूटर” के दायरे में आते हैं या नहीं?

सम्मिलित विधि और प्रावधान

  • आयकर अधिनियम, 1961 (धारा 32(1))
  • सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (धारा 2(i))

मामले के प्रासंगिक तथ्य

  • निर्धारिती अपने ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए मोबाइल स्ट्रीमिंग सेवाएँ देने के लिए सेवा प्रदाता के व्यवसाय में लगा हुआ है।
  • निर्धारिती ने अचल संपत्तियां जिन्हें मशीनरी और संयंत्र के खंड में दिखाया गया है, उन पर 35,57,976/- रुपयों के मूल्यह्रास का दावा किया।
  • इन संपत्तियों को होटल श्रृंखलाओं में इनस्टॉल किया गया था जिसमें सहायक उपकरण यानी स्विच और राउटर शामिल थे।
  • निर्धारिती के अनुसार, इन सहायक उपकरणों के बिना, मुवक्किल के कंप्यूटर को इंटरनेट से कनेक्ट नहीं किया जा सकता है।
  • मुख्य तर्क इस तथ्य पर आधारित था कि ये सहायक उपकरण कंप्यूटर के दायरे में आते हैं और इसलिए वे केवल 15% के बजाय 60% की दर से मूल्यह्रास प्राप्त करने के हकदार हैं।

न्यायपीठ की राय

  • यह समझने के लिए कि क्या राउटर और स्विच कंप्यूटर के दायरे में आते हैं, कंप्यूटर की परिभाषा को आईटी एक्ट, 2000 की धारा 2(i) के अनुसार लिया जाना चाहिए। लेकिन निर्धारण अधिकारी (AO) ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और आयकर अधिनियम, 1961 दोनों की प्रस्तावना को भी ध्यान में रखा और इस बात पर भरोसा जताया कि वे एक दूसरे से बहुत अलग हैं।
  • इस प्रकार CIT v. Venkateswara Hatcheries (P.) Ltd. के सुप्रीम कोर्ट के मामले को ध्यान में रखते हुए, जिसमें यह बात सामने आयी थी कि अगर दो अधिनियमों का उद्देश्य अलग है तो किसी विशेष अधिनियम के शब्द की परिभाषा को दुसरे अधिनयम में आयात नहीं किया जा सकता है।
  • हालांकि, निर्धारण अधिकारी का मानना ​​था कि सहायक उपकरण यानी राउटर और स्विच कंप्यूटर के दायरे में नहीं आते हैं। DCIT v. Datacraft India Ltd. के मामले में ट्रिब्यूनल की विशेष बेंच द्वारा पारित फैसले पर भरोसा करके एक ही निर्णय लिया गया था।

अंतिम निर्णय

  • केवल 15% की दर से मूल्यह्रास की अनुमति है और इसलिए ₹ 26,68,482/- के शेष दावा किए गए मूल्यह्रास को अस्वीकार कर दिया गया था।
  • निर्धारण अधिकारी ने Nestle India Ltd. v. DCIT के मामले पर भरोसा किया जहां यह माना गया था कि हालांकि यूपीएस, राउटर, स्विच इत्यादि कंप्यूटर से जुड़े हुए हैं; लेकिन वे कंप्यूटर सिस्टम का एक अभिन्न अंग नहीं हैं और इसलिए, उन्हें कंप्यूटर नहीं माना जा सकता है।

निजी राय

कर छूट के लिए कंप्यूटर शब्द की सामान्य भाषा और समझ को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए क्योंकि राउटर और स्विच शब्द को न तो आयकर अधिनियम, 1961 और न ही सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 में परिभाषित किया गया है। Mangulu Sahu Ramahari Sahu v. State Tax Officer के मामले में, यह माना गया कि परिभाषा की अनुपस्थिति के मामलों में, शब्द की सामान्य भाषा को अपनाया जाना है। इसलिए, मेरी राय में, यह तय करते समय कि वह इसके दायरे में आता है या नहीं अदालत को आम बोलचाल को भी ध्यान में रखना चाहिए था।


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