आपके ईमेल अकाउंट को हैक करके कोई व्यक्ति क्या कर सकता है?
आप कितने हैक होने योग्य हो? वैसे सवाल यह है कि आपको कब हैक किया जाएगा? आधी रात में ही आप किस डेटा ब्रीच के शिकार हो जाएं, आप भी नहीं जानते। हालांकि आप की ओर से यह महत्वपूर्ण है कि आप टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) और अन्य नई-नई सुरक्षा सेटिंग्स इस्तेमाल करें। ईमेल सर्विस प्रोवाइडर जैसे की जीमेल (Gmail) आपको बहुत सारी क्लाउड स्टोरेज प्रदान करते है और कभी-कभी यह स्टोरेज 20 जीबी से भी अधिक होती है और वह भी मुफ्त। इसीलिए आप ईमेल को डिलीट करने के बारे में नहीं सोचते है। कई लोग टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल नहीं करते हैं, फिर उनके साथ होता क्या है ? हैकर्स की बदौलत, उन्हें अपने पासवर्ड एवं कई महत्वपूर्ण और मूल्यवान डेटा से हाथ धोना पड़ता है।
इस आर्टिकल में हम जानेंगे की आपके ईमेल अकाउंट तक पहुंचने वाला व्यक्ति उसके साथ क्या-क्या कर सकता है ?
1. चार सौ बीसी
भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 420 के कारण भारत में यह शब्द प्रचलित है। आपके सिर्फ ईमेल को पढ़कर ही कोई व्यक्ति आपके बारे में बहुत कुछ जान सकता है। जैसे वर्तमान में आपका खाता कौन सी बैंक में है, आपने नेटफ़्लिक्स या हॉटस्टार का सब्सक्रिप्शन ले रखा है या नहीं, आपके घर इंटरनेट कनेक्शन किसका है, आदि। साथ ही आपकी पहचान की चोरी और आपके निजी डेटा का दुरूपयोग भी हो सकता है।
2. आपके फ़िल्टर और फॉरवर्ड की सेवाओं का दुरूपयोग
ऐसे कई मामले देखने में आये है जहाँ हैकर्स निर्यातकों का अकाउंट हैक करके उनके खरीदारों को फ़र्ज़ी इनवॉइस भेज देते है। इस इनवॉइस पर सारी जानकारी तो एक निर्यातक की होती है, पर बैंक अकाउंट डिटेल्स हैकर्स की होती है। ऐसी घटनाओं को अंजाम देने के लिए हैकर्स को सिर्फ एक बार आपके अकाउंट में फ़िल्टर और फ़ॉरवर्डर सेट करना होता है। इससे आपके सारे ईमेल हैकर के फ़र्ज़ी ईमेल पर फॉरवर्ड होते रहते है। आपको पता भी नहीं चलेगा और आपकी गोपनीय जानकारी जैसे की ओटीपी भी हैकर को फॉरवर्ड हो जायेंगे।
3. आपके मित्रों और रिश्तेदारों को धोखा
एक केस में यह हुआ कि एक महिला को उसके विश्वसनीय दोस्त से एक ईमेल प्राप्त हुआ। ईमेल की बातचीत के संदर्भ के आधार पर उसने एक खाते में कुछ पैसे ट्रांसफर कर दिए। उसने ईमेल को अच्छी तरह से परखा, पर क्योंकि यह ईमेल उसके दोस्त के वास्तविक ईमेल एड्रेस से आया था, वह धोखा खा गई।
4. आपके पैसों की चोरी
आपकी बैंक आपके रजिस्टर्ड ईमेल एड्रेस पर आपके अकाउंट से सम्बंधित जरुरी जानकारी भेजती है। अक्सर आपके ईमेल आईडी से आपके बैंक अकाउंट तक पहुँचना आसान हो जाता है – बाकी तो आप समझ ही गए होंगे की आगे क्या हो सकता है।
5. यूज़रनेम और पासवर्ड को बेचना
अगर आपका यूज़रनेम बहुत ही अच्छा या यूनिक है, तो समझ जाइये कि डार्क वेब (इंटरनेट का काला बाज़ार) पर अच्छी खासी कीमत मिल सकती है। अगर सामान्य यूज़रनेम और पासवर्ड भी है तब भी कुछ न कुछ कीमत तो होगी है। उदारहण के तौर पर एप्पल आईट्यून्स के यूज़रनेम पासवर्ड की कीमत लगभग ₹500 होती है।
आपको इसके बारे में क्या करना चाहिए?
- टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का उपयोग करें ।
- ऐसे पासवर्ड बनाये जिसका कोई मतलब नहीं हो।
- आपके सभी खातों के लिए अलग-अलग पासवर्ड रखें।
- एक से ज़्यादा ईमेल का उपयोग करके आप रिस्क को कम कर सकते है। ज़रूरी काम जैसे बैंकिंग, बीमा, आदि के लिए अलग ईमेल एड्रेस बनाये।
इस लेख को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें। | To read this article in English, click here.
Featured Image Credits: Email vector created by storyset – www.freepik.com