स्टोवक्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड बनाम संयुक्त निदेशक, राजस्व खुफिया निदेशालय
स्टोवक्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड बनाम संयुक्त निदेशक, राजस्व खुफिया निदेशालय
(2007) 214 ELT 179
कर्नाटक उच्च न्यायालय
रिट याचिका 9799/2006
न्यायाधीश मोहन शांतनगौदर के समक्ष
निर्णय दिनांक: 13 सितंबर 2006
मामले की प्रासंगिकता: क्या डेटा से युक्त फ्लॉपी डिस्क, हार्ड ड्राइव और पेन ड्राइव वस्तु है या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड?
सम्मिलित विधि और प्रावधान
- सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (धारा 2, 69, 79)
- सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (धारा 151)
- सीमाशुल्क अधिनियम, 1962 (धारा 110 (2))
मामले के प्रासंगिक तथ्य
- राजस्व खुफिया विभाग के अधिकारियों ने याचिकाकर्ता के व्यापार परिसर की तलाशी ली। इस प्रक्रिया में अधिकारियों ने कुछ दस्तावेज़, फाइलें, हार्ड-डिस्क, डेटा से युक्त कुछ पेन ड्राइव, आदि जब्त कर लिए। उन्होंने स्टेनलेस स्टील की चादरों के नमूने में लिए और ये जानकारी 14.7.2005, 20.1.2006 and 23.1.12006 पर अभिलिखित महाज़र में उपस्थित है। याचिकाकर्ता घरेलू सामान जैसे प्रेशर कुकर, एलपीजी, चूल्हा, बर्तन, आदि के बनाने और उनकी ट्रेडिंग करने का काम करता है। उसने यह याचिका जब्त किये गए सामानों की वापसी के लिए दायर की है। वापसी का आधार यह लिया गया है कि जब्त किये गए सामान को छह महीनो के बाद तुरंत उस व्यक्ति को जिससे वे लिए गए उसे वापिस करना होता है।
अधिवक्ताओं द्वारा प्रमुख तर्क
- प्रतिवादियों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने याचिकाकर्ता की प्रार्थना का विरोध किया कि अंतरिम रूप से, 14.7.2005, 20.1.2006 और 23.1.2006 को जब्त किए गए दस्तावेज, फाइलें और कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज जैसे पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क में संग्रहीत डेटा, प्रतिनिधि नमूने आदि मात्र दस्तावेज़ और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड है। वह आगे कहते है कि चूंकि ये चीजें “वस्तु” की परिभाषा में नहीं आती हैं, इसलिए जब्ती, अधिनियम की धारा 110(3) के तहत आती है न कि धारा 110(1) और (2) के तहत। इस मामले में, उनके अनुसार, जांच अधिकारी के लिए यह आवश्यक नहीं है कि वह जब्त की गई सामग्रियों को छह महीने की अवधि से अधिक रखने की अनुमति ले।
- याचिकाकर्ता के वकील ने सीमाशुल्क अधिनियम,1962 की धारा 2(22)(e) का हवाला देते हुए कहा की पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क आदि वस्तु की परिभाषा के अंतर्गत आती है क्यूंकि ये सभी चल संपत्तियां है और इसीलिए उक्त अधिनियम की धारा 110(2) के तहत इन्हें छह महीनों के बाद वापिस किया जाना चाहिए।
न्यायपीठ की राय
- यदि कॉम्पैक्ट डिस्क (सीडी), हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव, फ्लॉपी आदि किसी भी सूचना या जानकारी से भरे नहीं होते, तो उन्हें वस्तु के रूप में माना जा सकता था। टेक्नोलॉजी की उन्नति के मद्देनजर, आजकल, आमतौर पर फ्लॉपी या हार्ड डिस्क में खातों का अनुरक्षण किया जाता है। इसलिए, उन्हें इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के रूप में पहचाना जाना चाहिए।
अन्तिम निर्णय
- दस्तावेजों और सामानों की वापसी की कोई राहत याचिकाकर्ता को नहीं दी जा सकती थी। नतीजतन, इस अदालत को रिट याचिका में कोई योग्यता नहीं मिली और इसे खारिज किया गया।
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